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राजस्थान में एक बार फिर गुर्जर पटरियों पर बैठ गए हैं। गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति की ओर से महापंचायत में सरकार की ओर से आया मसौदा स्वीकार करने के बाद युवाओं के एक गुट ने निर्णय का विरोध कर दिया और दिल्ली-मुंबई रेलवे ट्रेक जाम कर दिया। इससे कई ट्रेनें प्रभावित हुई हैं। ट्रेक महापंचायत स्थल से कुछ ही दूरी पर है। फिलहाल ट्रेक पर जुटे युवाओं के साथ समझाइश का प्रयास किया जा रहा है। रेलवे अधिकारियों का कहना है कि जल्द की ट्रेक क्लियर कर दिया जाएगा।
बैंसला ने सुनाया मसौदा
इससे पहले भरतपुर के बयाना इलाके के कारवारी शहीद स्मारक (पीलूपुरा) में आयोजित महापंचायत में गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के राष्ट्रीय संयोजक विजय बैंसला ने मसौदा पढ़कर सुनाया और वे तुरंत ही समाज की सहमति के बाद महापंचायत समाप्ति की घोषणा कर निकल गए।
ट्रेन को रोका
इतने में ही कुछ युवाओं ने माइक पकड़ लिया और आरोप लगाया कि ये कुछ लोग समाज के अधिकारों का फैसला लेने वाले कौन होते हैं। हम इनके निर्णय को स्वीकार नहीं कर सकते। ऐसे में पीलूपुरा के पास से गुजर रहे दिल्ली-मुंबई रेलवे ट्रेक को जाम कर दिया और ट्रेन को रोक दिया। युवाओं का कहना है कि सरकार तुरंत फैसला ले। रीट के 372 पदों पर भर्ती की मांग कर रहे युवक पिछले कुछ महीनों से दौसा के सिकंदरा में धरना दे रहे थे।
पैसेंजर ट्रेन को रोका
वहीं रेलवे की ओर से कहा गया है कि मथुरा-सवाईमाधोपुर (54794) पैसेंजर ट्रेन को रोका गया है। पुलिस समझाइश का प्रयास कर रही है। कुछ देर में ट्रेक क्लियर कर दिया जाएगा, जिस ट्रेक पर गुर्जर डटे हैं। वह गुर्जर महापंचायत स्थल से कुछ ही दूरी पर है। पहले किए गए आंदोलनों में भी इस रेलवे ट्रेक को कई बार जाम किया जा चुका है। इससे पहले गुर्जर समाज की ओर से सरकार को आज (रविवार) दोपहर तक का अल्टीमेटम दिया गया था।
कब-कब हुआ गुर्जर आंदोलन
– 2007 में एसटी आरक्षण की मांग को लेकर दौसा जिले के पाटोली में आंदोलन हुआ। उग्र प्रदर्शन के दौरान पुलिस से हुई झड़प में 31 गुर्जरों की मौत हुई। एक पुलिसकर्मी की भी मृत्यु हुई।
– 2008 में भरतपुर के पीलूपुरा रेलवे ट्रेक और दौसा के सिकंदरा पर जाम लगाकर प्रदर्शन किया। इस आंदोलन में 42 लोगों की जान गई।
– दिसंबर 2010 में फिर गुर्जर रेलवे ट्रेक पर आए।
– 21 मई 2015 को फिर आंदोलन हुआ। रेलवे ट्रेक जाम किया गया।
– 2019 फिर गुर्जर आंदोलन पर उतर आए।
मंत्री बेढम ने किया था सवाल
इससे पहले राजस्थान के गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढम का कहना था कि गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति ने गुर्जर समाज की मांगों को लेकर गुर्जर महापंचायत का ऐलान किया था, जबकि भजनलाल सरकार बातचीत के लिए तैयार है। तो फिर महापंचायत की क्या जरूरत है? जवाहर सिंह बेढम ने कहा कि फिर भी कुछ लोग सरकार के खिलाफ बोलने पर आमादा हैं। मुझे संदेह है कि इसमें राजनीति हो गई है।

Author: mewadsamachar
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