मेवाड़ समाचार
राजस्थान की सात विधानसभा सीटों पर 13 नवंबर को हुए उपचुनावों के नतीजे प्रदेश की सियासत में नई हलचल मचाने वाले है जब प्रदेश के सात जिला मुख्यालयों झुंझुनूं, अलवर, दौसा, टोंक, नागौर, उदयपुर और डूंगरपुर में वोटों की गिनती शुरू होगी। सुबह 8 बजे से पोस्टल बैलेट्स की गिनती होगी, इसके बाद ईवीएम के वोटों की गिनती की जाएगी।
इन परिणामों से यह साफ होगा कि प्रदेश में कौन सा दल किस दिशा में आगे बढ़ेगा, और किसकी राजनीतिक ताकत को जनता ने समर्थन दिया है। यह उपचुनाव राजस्थान की आगामी राजनीतिक तस्वीर का अहम संकेतक साबित हो सकते हैं।
7 सीटों के परिणाम से तय होगी सरकार और विपक्ष की सियासी दिशा
राजस्थान की सात विधानसभा सीटों पर 13 नवंबर को हुए उपचुनावों के परिणाम आज सामने आएंगे। यह परिणाम सिर्फ इन सात सीटों की सियासी तस्वीर नहीं, बल्कि प्रदेश की भविष्यवाणी को भी प्रभावित करेंगे। इन उपचुनावों के लिए राजनीतिक दलों ने अपनी पूरी ताकत झोंकी थी,।
क्योंकि ये परिणाम सरकार और विपक्ष दोनों के लिए एक अहम सियासी नरेटिव सेट करने वाले हैं। इनमें से 5 सीटें विधायकों के सांसद बनने और 2 सीटें विधायकों के निधन के कारण खाली हुई थीं। भाजपा, जो सलूंबर को छोड़कर बाकी सीटों पर चुनौती में है, इन नतीजों को लेकर बेहद उत्साहित और चिंतित है।
विधायकों के निधन और सांसद बनने से खाली हुईं सीटें
इन सात सीटों में से पांच सीटें—दौसा, देवली-उनियारा, झुंझुनूं, खींवसर और चौरासी—विधायकों के सांसद बनने की वजह से खाली हुई थीं। वहीं, सलूंबर और रामगढ़ सीटें विधायकों के निधन के कारण खाली हुई थीं। इन सीटों पर हुए उपचुनाव ने प्रदेश की राजनीति को एक नया मोड़ दिया है, और इन परिणामों से साफ होगा कि जनता का मूड क्या है, और किस दल की सियासी ताकत कितनी मजबूत है।
काउंटिंग का समय और प्रक्रिया
मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवीन महाजन ने बताया कि उपचुनावों की वोटों की गिनती सुबह 8:30 बजे से शुरू होगी। इसके लिए कुल 98 टेबल लगाए गए हैं, और 141 राउंड में ईवीएम से वोटों की गिनती की जाएगी। वोटों की गिनती प्रक्रिया में हर विधानसभा क्षेत्र में 18 से 22 राउंड होंगे, जिसके बाद चुनावी परिणाम सामने आना शुरू होंगे। ये परिणाम प्रदेश की सियासत के अगले कदम को तय करेंगे।
वोटिंग प्रतिशत में गिरावट और उतार-चढ़ाव
2024 में हुए उपचुनावों में कुल 69.72 प्रतिशत वोटिंग दर्ज की गई थी, जो 2023 के विधानसभा चुनाव के मुकाबले कम थी। 2023 में इन क्षेत्रों में 74.74 प्रतिशत वोटिंग हुई थी। इन सात सीटों में से 6 सीटों पर 2023 के मुकाबले कम वोटिंग हुई थी। खींवसर और रामगढ़ सीटों पर सबसे ज्यादा मतदान दर्ज हुआ, जबकि दौसा सीट पर सबसे कम 12.10 प्रतिशत वोटिंग हुई, जो भाजपा के लिए चिंता का कारण बन सकती है।
खींवसर सीट पर मतदान प्रतिशत में वृद्धि
खींवसर सीट पर मतदान प्रतिशत 2023 के मुकाबले बढ़ा है। 2023 में यहां 73.49 प्रतिशत मतदान हुआ था, जो अब बढ़कर 75.8 प्रतिशत हो गया है। खींवसर सीट पर आरएलपी उम्मीदवार कनिका बेनीवाल और भाजपा उम्मीदवार रेवतराम डांगा के बीच कांटे का मुकाबला है। इस सीट पर परिणाम जनता की बदलती राजनीतिक प्राथमिकताओं को उजागर कर सकते हैं।
दौसा सीट पर भाजपा की साख दांव पर
दौसा सीट पर भाजपा के उम्मीदवार जगमोहन मीणा और कांग्रेस के दीनदयाल बैरवा के बीच सीधा मुकाबला है। यहां 2023 के विधानसभा चुनाव की तुलना में 12.10 प्रतिशत कम मतदान हुआ है। यह भाजपा के लिए एक बड़ा खतरा साबित हो सकता है, क्योंकि दौसा सीट पर भाजपा का दबदबा था और इस बार कम मतदान भाजपा के लिए चिंता का विषय हो सकता है।
कुल मिलाकर, इन उपचुनावों के परिणाम न केवल इन सात सीटों की राजनीति को नया मोड़ देंगे, बल्कि आगामी विधानसभा चुनावों का खाका भी तैयार करेंगे। चुनावी परिणामों से यह भी साफ होगा कि जनता का रुझान किस पार्टी की तरफ है और आने वाले दिनों में किस पार्टी को जनता का समर्थन मिलेगा। सभी की निगाहें अब आज आने वाले परिणामों पर टिकी हुई हैं, जो राजस्थान की राजनीतिक दिशा को तय करेंगे।

Author: mewadsamachar
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