मेवाड़ समाचार
पूर्व केंद्रीय मंत्री और सीनियर कांग्रेस लीडर डॉ. गिरिजा व्यास का निधन हो गया। अहमदाबाद स्थित हॉस्पिटल में गुरुवार को उन्होंने अंतिम सांस ली। वे एक महीने पहले गणगौर पूजा के दौरान चुन्नी में आग लगने से झुलस गई थीं। 90 प्रतिशत झुलसने से उनकी हालत बिगड़ती गई और दम तोड़ दिया।
अहमदाबाद के जायडस हॉस्पिटल से परिवार के लोग उनका शव लेकर उदयपुर आ रहे हैं। उनके अंतिम दर्शन और अंतिम संस्कार का समय अब तय किया जाएगा। कांग्रेस के राष्ट्रीय, राज्य स्तरीय और स्थानीय नेताओं ने उनके निधन पर शोक जताया है।
महिलाओं के लिए काफी काम
गिरिजा व्यास केंद्र और राज्य में मंत्री रह चुकी हैं। वे राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष भी रही हैं। उन्होंने राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रहते हुए महिलाओं के कल्याण को लेकर कई काम किए।
गिरिजा ने 2018 में आखिरी विधानसभा चुनाव उदयपुर शहर सीट से लड़ा था। उनको भाजपा के निवर्तमान पंजाब के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया ने हराया था। गिरिजा व्यास पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के भी बहुत नजदीक रहीं।
31 मार्च को घर पर झुलसी थीं
डॉ. गिरिजा व्यास 31 मार्च को उदयपुर के देत्यमगरी स्थित आवास पर गणगौर का पूजन कर रही थीं। दीपक के कारण उनकी चुन्नी में आग लग गई। घर में ही काम करने वाले एक व्यक्ति ने उनको संभाला। उदयपुर में निजी हॉस्पिटल में ले जाया गया। वहां से उनको अहमदाबाद रेफर किया गया था।
नाथद्वारा में जन्मी थीं गिरिजा
राजसमंद जिले के नाथद्वारा में जन्मी गिरिजा के पिता स्वतंत्रता सेनानी थे। मां शिक्षिका थीं। उन्होंने उदयपुर में आकर उदयपुर यूनिवर्सिटी (वर्तमान में मोहनलाल सुखाड़िया यूनिवर्सिटी) से स्नातक और स्नातकोत्तर किया था। बाद में दिल्ली यूनिवर्सिटी से पीएचडी की। उन्होंने उदयपुर के सुखाड़िया यूनिवर्सिटी के दर्शनशास्त्र विभाग में प्रोफेसर के रूप में भी काम किया था।

Author: mewadsamachar
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