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जयपुरः राजस्थान में भजनलाल सरकार अब धर्मांतरण करने वालों के खिलाफ नया कानून लाने जा रही है. जिसके मुताबिक सामूहिक धर्मांतरण कराने वालों को 10 साल की सजा और पांच लाख रुपए तक का जुर्माना हो सकता है. सरकार ने प्रदेश में लव जिहाद और जबरन धर्मांतरण के बढ़ते मामलों को देखते हुए ‘दि राजस्थान प्रोहिबिशन ऑफ अनलॉफुल कन्वर्जन ऑफ रिलीजन बिल-2024’ का बिल विधानसभा में पेश किया. विधानसभा में मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने इस विधेयक को सदन में पेश किया.
यदि धर्मांतरण के प्रावधानों वाला विधेयक पास हो जाता है, तो 16 साल बाद राजस्थान में नया धर्मांतरण कानून बनेगा. बता दें कि साल 2008 में वसुंधरा राजे की सरकार में भी यह विधेयक लाया गया था, लेकिन तत्कालीन राष्ट्रपति की ओर से मंजूरी नहीं मिलने की वजह बिल लागू नहीं हो पाया. इस विधेयक के तहत लव जिहाद और धर्मांतरण के मामलों में कठोर कार्रवाई और 3 से 10 साल तक की सजा का प्रावधान है.
मर्जी से धर्मांतरण करने वालों का क्या होगा?
यदि कोई व्यक्ति अपनी मर्जी से धर्मपरिवर्तन करना चाहता है. तो उसे धर्मांतरण के 60 दिन पहले जिला कलेक्ट्रट कार्यालय में कलेक्टर को आवेदन देकर जानकारी देनी होगी. साथ ही लव जिहाद करने वाले व्यक्ति का विवाह पारिवारिक न्यायारिय में निरस्त किया जा सकता है. यदि कोई व्यक्ति लालच, बहकावे या दबाव बनाकर जबरन किसी को धर्मपरिवर्तन के लिए प्रोत्साहित करता है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी, जिसमें उसे 3 से 10 साल तक की सजा हो सकती है.
कैबिनेट बैठक में लिया गया था फैसला
बता दें कि, राजस्थान के कानून मंत्री जोगाराम पटेल ने बताया कि “किसी को लालच देकर या धोखे से धर्मान्तरण कराने के प्रयासों को रोकने के लिए ‘दि राजस्थान प्रोहिबिशन ऑफ अनलॉफुल कन्वर्जन ऑफ रिलीजन बिल-2024’ विधानसभा में लाया जाएगा. अभी राज्य में अवैध रूप से धर्मांतरण को रोकने के सम्बन्ध में कोई खास कानून नहीं है, इसलिए मंत्रिमंडल की बैठक में विचार कर इसके प्रस्ताव का समर्थन किया गया था.

Author: mewadsamachar
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