मेवाड़ समाचार
राजस्थान में पंचायतों के बकाया बजट जारी करने और समय पर चुनाव कराने की मांग को लेकर 6 दिसंबर को आयोजित होने वाला सरपंच संघ का जयपुर महापड़ाव स्थगित कर दिया गया है। यह निर्णय खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री सुमित गोदारा और केकड़ी विधायक शत्रुघ्न गौतम की मध्यस्थता से मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से हुई वार्ता के बाद लिया गया।
सरपंच संघ के मुख्य वक्ता रफीक पठान ने बताया कि सोमवार को जयपुर में हुई बैठक में सरकार ने खाद्य मंत्री सुमित गोदारा और विधायक शत्रुघ्न गौतम को सरपंचों से वार्ता करने के लिए अधिकृत किया। इसके बाद सचिवालय में हुई वार्ता में सरपंचों ने सरकार से दो प्रमुख मांगें रखीं।
पहला- अगर चुनाव नहीं कराए जाते हैं तो पंचायतों में प्रशासक न लगाए जाएं और मौजूदा जनप्रतिनिधियों का कार्यकाल बढ़ाया जाए और दूसरा- स्टेट फाइनेंस का बकाया शीघ्र जारी किया जाए ।
इसके बाद मंत्री सुमित गोदारा और शत्रुघ्न गौतम ने मुख्यमंत्री से फोन पर संपर्क किया और सरपंचों की समस्याओं से अवगत कराया. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से यह अनुरोध किया गया कि वह सरपंचों से मुलाकात करें और समस्याओं का समाधान करें। मुख्यमंत्री के कार्यालय में हुई वार्ता के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि तीन दिन पहले ही मध्य प्रदेश सरकार द्वारा कार्यकाल बढ़ाने के मॉडल के बारे में जानकारी मांगी गई है।
फिलहाल, सरकार की तरफ से प्रशासक लगाने का कोई निर्णय नहीं लिया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि यदि वन स्टेट, वन इलेक्शन के तहत चुनाव आगे बढ़ाए जाते हैं तो पंचायतों में प्रशासक नहीं लगाया जाएगा। अन्य मुद्दों पर मुख्यमंत्री ने 17 दिसंबर को प्रस्तावित राजस्थान यात्रा के बाद समाधान का आश्वासन दिया। इस घटनाक्रम से वन स्टेट वन इलेक्शन कि प्रक्रिया को धक्का लग सकता है क्योंकि सरपंचों का कार्यकाल बढ़ाना कानूनी रूप से संभव नहीं लग रहा ऐसे में सरकार समय पर चुनाव कराने को मजबुर हो सकती है।
इस बैठक में राजस्थान सरपंच संघ के प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर गढ़वाल, राष्ट्रीय सरपंच संघ के प्रदेश अध्यक्ष गोपाल शर्मा, राष्ट्रीय अध्यक्ष जयराम पलसानिया, कार्यकारी अध्यक्ष नेमीचंद मीणा, मुख्य महामंत्री शक्ति सिंह रावत, राष्ट्रीय सरपंच संघ के संयोजक भागीरथ यादव, मुख्य प्रवक्ता रफीक पठान समेत कई सरपंच उपस्थित थे।

Author: mewadsamachar
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